जवाहर लाल नेहरू शिक्षक एसोसिएशन (JNUTA) ने सोमवार को आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के पास मंजूरी के लिए भेजा गया नये शिक्षण सत्र का कार्यक्रम ‘फरमान के जरिए थोपा जा रहा है.’ जुंटा (JNUTA) का दावा है कि जेएनयू (JNU) पंजीयक ने जो कैलेंडर प्रस्तावित किया है उसमें कुछ बातें ‘‘पिछली तारीख” से लागू हैं और इसका छात्रों और शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा. जुंटा के अध्यक्ष डी.के. लोबियाल ने कहा, ‘‘जुंटा उस कैलेंडर को खारिज करता है, जिसमें शिक्षण को ध्यान में नहीं रखा गया है.
जेएनयू के पंजीयक ने अकादमिक परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि शिक्षण सत्र 2020-21 में पुराने और नये छात्रों के दाखिले के लिए एजेंडा इसमें शामिल है और परिषद 20 अक्टूबर तक मेल से इस संबंध में सूचना दे. उसमें यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित कैलेंडर में बदलाव के लिए या वैकल्पिक विचार के लिए अनुरोध नहीं किया जा सकता है.
बयान के अनुसार, पत्र में भाषा के जरिये न सिर्फ संभावनाओं को नकारा गया है, बल्कि इस तरह की मंजूरी लेने के लिए जो प्रक्रिया होती है, उसे भी नजरअंदाज किया जा रहा है